PMKVY का दशक: प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना की सफलता की कहानी

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भूमिका:

भारत एक युवा देश है, जहां की जनसंख्या का बड़ा हिस्सा 35 वर्ष से कम आयु का है। ऐसे में युवाओं को सही दिशा देना और उन्हें सक्षम बनाना देश की तरक्की का आधार बन सकता है। इस सोच को मूर्त रूप देने के लिए 15 जुलाई 2015 को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) की शुरुआत की गई। अब जब इस योजना के दस साल पूरे हो चुके हैं, तो यह समय है इस ऐतिहासिक यात्रा का विश्लेषण करने का।


प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना: युवाओं के सपनों को पंख

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) का उद्देश्य देश के युवाओं को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के तहत युवाओं को मुफ्त अल्पकालिक प्रशिक्षण, पूर्व शिक्षण की मान्यता (RPL), रोजगार सहायता और प्रमाण पत्र दिए जाते हैं, जिससे वे देश-विदेश में बेहतर अवसर प्राप्त कर सकें।

अब तक की उपलब्धियाँ:

  • 1.63 करोड़ से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण मिला, जिनमें मैन्युफैक्चरिंग, कंस्ट्रक्शन, हेल्थकेयर, आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स और रिटेल जैसे विविध क्षेत्रों को शामिल किया गया।
  • 25 लाख से अधिक उम्मीदवारों को PMKVY 4.0 के तहत प्रशिक्षण मिला।
  • 45% महिलाएं लाभार्थी रहीं, जिससे लैंगिक समानता को भी बल मिला।
  • PMKVY के तहत प्रशिक्षित युवाओं की प्लेसमेंट दर 42.8% रही, जो किसी भी सरकारी योजना के लिए एक उल्लेखनीय आंकड़ा है।

कौशल भारत मिशन (Skill India Mission):

PMKVY के केंद्र में स्किल इंडिया मिशन है, जो देशभर में फैले कौशल विकास केंद्रों और संस्थानों के माध्यम से प्रशिक्षण कार्य कर रहा है। फरवरी 2025 में इसे पुनर्गठित किया गया और PMKVY, जन शिक्षण संस्थान (JSS) और पीएम-एनएपीएस को मिलाकर एक केंद्रीय योजना बनाई गई।

  • JSS: 15-45 वर्ष के नवसाक्षरों और ड्रॉपआउट्स को व्यावसायिक प्रशिक्षण देता है।
  • PM-NAPS: उद्योगों में अप्रेंटिसशिप को बढ़ावा देकर व्यावहारिक प्रशिक्षण और स्टाइपेंड प्रदान करता है।
  • SIDH (Skill India Digital Hub): डिजिटल प्लेटफॉर्म के ज़रिए प्रशिक्षण प्रक्रिया की निगरानी, आधार सत्यापन और परिणाम आधारित भुगतान सुनिश्चित करता है।

 

तकनीकी कौशल में विस्तार:

PMKVY 4.0 में पारंपरिक प्रशिक्षण के साथ-साथ AI, IoT, रोबोटिक्स, ड्रोन तकनीक और मेक्ट्रोनिक्स जैसे उभरते क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है। इससे युवाओं को भविष्य की नौकरियों के लिए तैयार किया जा रहा है।

 


 

नई पहलें जो बदलाव ला रही हैं:

  1. कोविड योद्धाओं के लिए क्रैश कोर्स: महामारी के दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर संकट को अवसर में बदला गया।
  2. कौशल हब पहल: NEP 2020 के तहत स्कूलों और कॉलेजों को स्किलिंग सेंटर के रूप में उपयोग किया गया।
  3. पारंपरिक शिल्पों का संरक्षण: नमदा शिल्प, नगालैंड बुनकरी और जम्मू-कश्मीर के हस्तशिल्पों को संरक्षित कर रोजगार से जोड़ा गया।
  4. विशेष परियोजनाएं: जेल कैदी, ब्रू जनजाति और हाशिए पर रहने वाले समूहों को प्रशिक्षित कर मुख्यधारा में लाया गया।

 

पूरक योजनाएं जो PMKVY को बल देती हैं:

1. पीएम विश्वकर्मा योजना (2023):
कारीगरों और पारंपरिक पेशों से जुड़े 18 व्यवसायों को समर्थन, प्रशिक्षण, टूलकिट और मार्केटिंग सहायता दी जा रही है। 2.7 करोड़ से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।

2. दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (DDU-GKY):
ग्रामीण युवाओं के लिए 16.9 लाख से अधिक प्रशिक्षण और 10.97 लाख से अधिक को रोजगार मिला।

3. RSETI (Rural Self Employment Training Institutes):
बैंकों द्वारा संचालित ये संस्थान ग्रामीण युवाओं को उद्यमिता के लिए प्रशिक्षण देते हैं। 2025 तक 56 लाख से अधिक लोग प्रशिक्षित हो चुके हैं।


समावेशिता और लोकतांत्रिक पहुंच:

PMKVY की सबसे बड़ी सफलता इसकी समावेशिता है। यह योजना गांव, पिछड़े इलाके और वंचित समुदायों तक पहुंची है। अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी और महिलाओं की भागीदारी ने इसे एक जन-आंदोलन में बदल दिया है।


 

निष्कर्ष:

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) केवल एक सरकारी योजना नहीं रही, बल्कि यह एक क्रांति है जो युवाओं को आत्मविश्वास, सम्मान और रोजगार दिला रही है। पिछले दस वर्षों में इस योजना ने यह सिद्ध किया है कि सही दिशा और समर्पित प्रयासों से किसी भी देश की युवा शक्ति को विकास की सबसे बड़ी ताकत बनाया जा सकता है।

जैसे-जैसे भारत एक ज्ञान आधारित और तकनीकी अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे PMKVY जैसी योजनाएं एक सक्षम, उद्यमशील और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में तैयार श्रमशक्ति तैयार करने में निर्णायक भूमिका निभा रही हैं। आने वाले वर्षों में यह योजना न केवल भारत के लिए बल्कि दुनिया के लिए ‘स्किल कैपिटल’ बनने की दिशा में एक मजबूत नींव रख रही है।


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अस्वीकरण:
इस ब्लॉग में प्रस्तुत जानकारी भारत सरकार की विभिन्न आधिकारिक वेबसाइटों, प्रेस विज्ञप्तियों और सार्वजनिक स्रोतों पर आधारित है। DainikBaate.com किसी सरकारी संस्था से संबद्ध नहीं है और ना ही किसी सरकारी योजना की अधिकारिक घोषणा करता है। पाठकों से अनुरोध है कि योजना से संबंधित आवेदन या विवरण के लिए संबंधित सरकारी पोर्टल या अधिकृत माध्यमों से पुष्टि करें। इस लेख का उद्देश्य केवल सूचनात्मक है।

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