हांगकांग से दिल्ली आ रहे Air India के विमान में मंगलवार को बड़ा हादसा होते-होते टल गया , विमान की ऑग्ज़ीलियरी पावर यूनिट (APU) में मंगलवार को आग लगने की घटना हुई, हादसे की खबर सुनते ही एयरपोर्ट पर हड़कंप मच गया।
एयर इंडिया प्रवक्ता ने बताया सभी यात्री और क्रू सदस्य सुरक्षित हैं और बताया कि जैसे ही यूनिट में आग लगी वैसे ऑटोमेटिक प्रणाली के जरिए यूनिट बंद हो गया सभी सदस्य सुरक्षित है, इस आगे घटना से विमान में थोड़ा नुकसान हुआ है फिलहाल विमान को ग्राउंडेड कर दिया गया है और इसकी आगे जांच की जा रही है,
कुछ ही समय पहले हुए अहमदाबाद हादसे ने पूरे देश को झकजोर दिया था, जिसमें 260 लोगों की जान चली गई थी।
यात्री लोगों का कहना कि एयरलाइन सेफ्टी पर अब बिल्कुल भरोसा नहीं रहा ।
📉 यात्रियों का भरोसा गिरा, सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा
Air India सेफ्टी पर अब भरोसा बिल्कुल नहीं कहा सर्वे में देश के 322 जिलों में से 44000 से ज्यादा यात्रियों में से 76% लोगों ने माना कि एयरलाइन सुरक्षा की बजाय प्रचार प्रसार में ज्यादा खर्च कर रही हैं
“अब एयरलाइन सुरक्षा पर भरोसा नहीं रहा, हर महीने कोई न कोई हादसा सामने आ रहा है। निजीकरण के बावजूद शिकायतें कम नहीं हुईं।”
🚨 DGCA की हालत भी चिंता जनक
देश की हवाई यात्रा का दायरा दिन पर दिन समय के साथ बढ़ता जा रहा है लेकिन DGCA उस विभाग में 45% पद खाली पड़े हैं
सांसदों द्वारा चिंता जताई गई की ATC (Air Traffic Control) एक ही समय में 30 से ज्यादा फ्लाइट की निगरानी करती है जो सुरक्षा के लिहाज से बहुत जोखिम भरा है
बता दे हाल ही में अहमदाबाद एयर इंडिया हादसे ने 260 लोगों की जान ली विमान सुरक्षा पर लगातार उठ रहे सवाल
🛬 निजीकरण के 3 साल बाद भी हालात जस के तस
2022 में एयर इंडिया का निजीकरण टाटा समूह को सौंपे जाने के साथ किया गया था। लेकिन 3 साल बाद भी यात्रियों की समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं:
निजीकरण के बाद भी यात्रियों की शिकायतों में कमी नहीं शिकायतें लगातार बनी हुई है विमान रख-रखाव में लापरवाही की खबरें लगातार आ रही हैं
संसदीय समिति ने DGCA से कहा है कि पूरे देश भर में ऑडिट करके 3 महीने के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करें
क्या एयर इंडिया उड़ान के लायक है?
इन लगातार हादसों ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या वाकई एयर इंडिया में उड़ान भरना सुरक्षित है?
आगे क्या होना चाहिए?
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DGCA में स्टाफ की भर्तियां तुरंत हों
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एयरलाइनों के सुरक्षा ऑडिट नियमित और पारदर्शी तरीके से किए जाएं
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एयरलाइनों को प्रचार की बजाय सेफ्टी इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश करना चाहिए
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हादसों की सार्वजनिक रिपोर्टिंग और जिम्मेदारियों की तय सीमा होनी चाहिए
निष्कर्ष
एयर इंडिया जैसी बड़ी और पुरानी एयरलाइन से लोगों को बहुत उम्मीदें हैं, लेकिन हाल के हादसे बता रहे हैं कि सुधार की दर बहुत धीमी है। यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का समय आ चुका है, वरना एक और बड़ा हादसा न जाने कितने परिवारों को उजाड़ सकता है।
अनुज यादव DainikBaate.com के संस्थापक हैं। वे न्यूज, टेक, ऑटो, हेल्थ और शेयर मार्केट पर सरल हिंदी में विश्वसनीय जानकारी साझा करते हैं।