क्या अब हार्ट अटैक (Heart Attacks) उम्र नहीं देखता यह सिर्फ बूढ़ों की बीमारी नहीं रही –
हाल के दिनों में आयी कुछ खबरों ने यह साबित कर दिया है कि अब हार्ट अटैक उम्र नहीं देखता पहले जहाँ यह बीमारी ज़्यादातर 50 साल से ऊपर वालों में देखी जाती थी, अब 15-30 साल के लोगों और यहां तक कि स्कूल जाने वाले बच्चों में भी इसके मामले सामने आ रहे हैं। अब हम सबको हर उम्र के लिए खुद भी सतर्क , थोड़ा जानकर बनना होगा ताकि कुछ हद तक स्तिथि को भाप जा सके।
हार्ट अटैक Heart Attacks से (1-4 हफ्ते) पहले दिखने वाले लक्षण
बच्चों और किशोरों में :-
• सांस लेने में दिक्कत (खासकर सोते समय या खाने के दौरान)
• थकावट या कमजोरी (बिना किसी ज़्यादा एक्टिविटी के)
• पसीना आना या चक्कर (बिना किसी ज़्यादा एक्टिविटी के)
• तेज़ या अनियमित धड़कन
• सीने में जलन या भारीपन
• नीले होंठ या नाखून (oxygen की कमी का संकेत)
वयस्कों और बुजुर्गों में:
• जल्दी थक जाना
• पीठ, जबड़े या बाएं हाथ में दर्द
• सीने में दबाव या दर्द (bar bar या चलता-फिरता)
• रात में बार-बार नींद खुलना (Orthopnea)
• हाजमे की गड़बड़ी, मतली या उल्टी
• हल्के चक्कर या सिर घूमना
आजकल हार्टअटैक Heart Attacks कम उम्र वालों में भी क्यों हो रहा?
जन्मजात हृदय रोग (Congenital Defects) :
कुछ बच्चों को जन्म से ही दिल की नसों में गड़बड़ी होती है, जो धीरे-धीरे बढ़कर अटैक का कारण बन सकती है।
🔹 Kawasaki और Rheumatic बीमारियाँ:
• Kawasaki बीमारी 5 साल से कम उम्र के बच्चों में दिल की सूजन और नसों में गड़बड़ी कर सकती है।
• Rheumatic fever स्टेफ इन्फेक्शन के बाद दिल की वाल्व्स को नुकसान पहुंचाता है।
जंक फूड + मोटापा :
Teenagers में तली-भुनी चीजें, कोल्ड ड्रिंक्स, और अगर यह चीजे सस्ती ख़राब हुई तो खतरा कई गुना हो जाता है और फिजिकल एक्टिविटी की कमी , दिल और शरीर को कमजोर कर रहा।
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Overexercise / Excessive Gym :
अचानक ज़्यादा भारी वर्कआउट, बिना जांच कराए gym करना , और स्टेरॉयड लेना युवाओं में हार्ट अटैक का कारण बन रहा है।
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ड्रग्स और स्मोकिंग की लत :
कम उम्र में नशा करना ( जैसे कोकीन, सिगरेट, या वपिंग ) दिल की नसों को सिकोड़ देता है, जिससे अचानक ब्लॉकेज या cardiac arrest हो सकता है।
🧬 मुख्य कारण (Causes of Heart Attack) :
• मोटापा और निष्क्रिय जीवनशैली
• वायरल संक्रमण से दिल की सूजन (Myocarditis)
• डिप्रेशन, तनाव और नींद की कमी
• कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary Artery Disease)
• हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल
• जन्मजात दिल की बीमारियाँ (CHD)
क्या हम ये सब रोका जा सकते है ?
काफी हद तह हां ! इन सावधानियों से हार्ट अटैक का खतरा कम किया जा सकता है :
• संतुलित आहार
• नियमित चेकअप (बच्चों का भी!)
• आउटडोर एक्टिविटी बढ़ाएं , एक्सरसाइज करे और स्क्रीन टाइम कम करें सिर्फ मस्तिष्क और आँखों से काम न लें , बच्चों का खेलना-कूदना बहुत जरूरी है आज के कैद जीवन शैली में।
• कोई भी नशे , स्मोकिंग और ड्रग्स से दूर रहें यह बहाना तो कतई न दें की दूसरे को समस्या नहीं हुई तोह आपको नहीं होगी , क्युकी सबका शरीर कार्य बहुत अलग होता
• परिवार में हार्ट डिजीज हो तो ज्यादा सतर्क रहें,
अपने जनो को भी यह जानकारी पढ़ने को कहे क्यों की कई बार हम अपने और एक दूसरे के हार्ट अटैक के लक्षण को पहचान ही नहीं पाते और नजर अंदाज़ करते रहते है
📢 जरूरी चेतावनी (Disclaimer)
यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से है। यदि किसी भी उम्र के व्यक्ति में उपरोक्त लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। हार्ट अटैक एक मेडिकल इमरजेंसी है, और समय रहते इलाज से जान बचाई जा सकती है।
🩺 निष्कर्ष कुल मिलाकर यह है कि :- अब हार्ट अटैक सिर्फ बुजुर्गों की बीमारी नहीं रह गई है। बच्चों और युवाओं में भी यह धीरे-धीरे खतरनाक रूप लेता जा रहा है। माता-पिता, कोच, और खुद युवा भी अपने शरीर के संकेतों को पहचानें और समय रहते डॉक्टर से सलाह लें। एक छोटी सी लापरवाही जानलेवा बन सकती है।
अनुज यादव DainikBaate.com के संस्थापक हैं। वे न्यूज, टेक, ऑटो, हेल्थ और शेयर मार्केट पर सरल हिंदी में विश्वसनीय जानकारी साझा करते हैं।