Google Map बन रहा मुसीबत का नक्शा! गलत रास्ते ने ली जान, कहीं पीटा गया तो कहीं गिरी कार

Google Map बना भरोसे का दुश्मन?
गूगल मैप जिसे हम रास्ता बताने वाला दोस्त मानते हैं, वह कभी-कभी ऐसे मोड़ ले आता है कि ज़िंदगी ही खतरे में पड़ जाती है। हाल ही में उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में दो ऐसे बड़े हादसे सामने आए जिन्होंने यह साबित कर दिया कि टेक्नोलॉजी पर आंख मूंदकर भरोसा करना जानलेवा हो सकता है .

पहला मामला : अमरोहा में गूगल मैप के कारण चार दोस्तों की पिटाई

उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में चार दोस्तों को Google Map के बताए रास्ते ने बुरी तरह फंसा दिया। ये युवक पानीपत से लौट रहे थे और संभल ज़िले के निवासी थे। रात के समय सही रास्ता ना मिलने पर उन्होंने Google Map का सहारा लिया। लेकिन Map उन्हें अमरोहा के डिडौली थाना क्षेत्र के पतेई खालसा गांव की ओर ले गया।

जब उन्होंने ग्रामीणों से रास्ता पूछा, तो ग्रामीणों ने उन्हें चोर समझ लिया और बुरी तरह से पीट दिया। लाठी-डंडों से हमला कर कार को भी तोड़ डाला गया। इस हमले में तहजीबुल और अंकित नाम के दो युवक गंभीर रूप से घायल हुए और ICU में भर्ती हैं।

पुलिस ने तहरीर के आधार पर अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और वीडियो फुटेज के ज़रिए पहचान की जा रही है।

दूसरा मामला : मुंबई में गूगल मैप ने महिला को खाड़ी में पहुंचा दिया

दूसरा मामला नवी मुंबई से है, जहां एक महिला गूगल मैप के भरोसे कार चला रही थी। रात करीब 1 बजे वह बेलापुर के खाड़ी पुल से उलवे की ओर जा रही थी। लेकिन गूगल मैप पर उसे पुल के नीचे का रास्ता छोटा और सीधा दिखाई दिया।                                                                                                                                परिणामस्वरूप, वह रास्ता पकड़ने पर उसकी कार सीधे खाड़ी में जा गिरी। शुक्र रहा कि समुद्री सुरक्षा पुलिस मौके पर मौजूद थी और उन्होंने तुरंत महिला को डूबने से बचा लिया। कार को क्रेन की मदद से बाहर निकाला गया। यह घटना न केवल महिला की जान ले सकती थी बल्कि गूगल मैप की लापरवाही को भी उजागर करती है।

गूगल मैप से पहले भी हो चुके हैं हादसे

यह कोई पहली बार नहीं है जब Google Map के चलते दुर्घटनाएं हुई हों। आइए जानते हैं कुछ अन्य घटनाएं:

मुरादाबाद (4 अप्रैल 2025)

चार दोस्त नैनीताल से लौट रहे थे। रास्ता ढूंढने के लिए Google Map का इस्तेमाल किया, लेकिन रास्ता ऐसा था जहां ट्रक ने सामने से टक्कर मार दी। दो युवतियों की मौत हो गई और दो घायल हो गए।

महाराजगंज (9 जून 2025)

Google Map ने कार को एक अधूरे फ्लाईओवर पर पहुंचा दिया। फ्लाईओवर का काम अधूरा था, और कार लटक गई। सौभाग्य से जान का नुकसान नहीं हुआ।

 हाथरस (दिसंबर 2024)

मैप ने गाड़ी को निर्माणाधीन हाईवे की ओर मोड़ दिया। वहां कोई डायवर्जन साइन नहीं था। कार मिट्टी के टीले से टकरा गई, हालांकि सभी लोग सुरक्षित रहे।

टेक्नोलॉजी है सहायक, विकल्प नहीं

Google Map जैसी टेक्नोलॉजी निश्चित रूप से जीवन आसान बनाती है, लेकिन यह इंसानी बुद्धि का विकल्प नहीं हो सकती। कुछ सावधानियाँ ज़रूरी हैं:

रात में अनजान रास्तों पर Map पर पूरी तरह निर्भर न रहें।

गांव या दूरदराज इलाकों में स्थानीय लोगों से पूछकर ही आगे बढ़ें।

निर्माणाधीन या कम ट्रैफिक वाले रास्तों से बचें।

फ्लाईओवर, पुल या जल मार्गों के नीचे के रूट से पहले सतर्कता रखें।

🔍 क्या गूगल की कोई ज़िम्मेदारी बनती है?

इन घटनाओं ने एक अहम सवाल उठाया है — क्या Google जैसी बड़ी टेक कंपनी को गलत रास्ते या अधूरे डेटा के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है?

अभी तक गूगल किसी भी हादसे में कानूनी रूप से जिम्मेदार नहीं माना गया है।

परंतु यूज़र्स की सुरक्षा के लिहाज़ से Google को अपने Map सिस्टम में रीयल टाइम वेरिफाइड अपडेट्स की सुविधा और चेतावनी सूचनाएं जोड़नी चाहिए।

निष्कर्ष:- गूगल मैप एक शानदार तकनीक है, लेकिन यह एक सहायक उपकरण है, मार्गदर्शक नहीं। आंख मूंदकर भरोसा करने से आप खुद को खतरे में डाल सकते हैं। यदि हम थोड़ी सतर्कता और समझदारी से इसका उपयोग करें, तो ऐसे हादसों से बचा जा सकता है।

 

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