Kingdom Review : विजय देवरकोंडा की अब तक की सबसे दमदार परफॉर्मेंस, लेकिन क्या फिल्म उम्मीदों पर खरी उतरी?

लेखक: Anuj Yadav | दिनांक: 31 जुलाई 2025 

” Kingdom ” विजय देवरकोंडा की बहुप्रतीक्षित फिल्म आखिरकार सिनेमाघरों में रिलीज़ हो चुकी है। ‘जर्सी’ जैसी संवेदनशील फिल्म दे चुके निर्देशक गौतम तिन्नानूरी ने इस बार स्पाई-थ्रिलर और राजनीतिक ड्रामा का मेल रचा है। एक ओर जहाँ विजय देवरकोंडा की परफॉर्मेंस को “करियर बेस्ट” बताया जा रहा है, वहीं फिल्म की पटकथा और इमोशनल अपील पर कई सवाल भी उठ रहे हैं।

 

कहानी: जासूसी, राजनीति और एक युवा नेता की दुविधा

फिल्म की कहानी एक युवा नेता की है, जिसके भीतर एक राष्ट्रभक्त जासूस भी छिपा है। कहानी उसकी आत्मिक उलझनों, परिवार से दूरियों और राजनीतिक षड्यंत्रों के इर्द-गिर्द घूमती है। पहला हाफ पॉलिटिक्स और थ्रिल से भरपूर है, वहीं दूसरा हाफ रिश्तों और जिम्मेदारियों के इमोशनल पहलू को छूता है।

डायरेक्शन में गहराई है, लेकिन screenplay कभी-कभी दिशा खोती है।

 

अभिनय: विजय देवरकोंडा का कमबैक परफॉर्मेंस

विजय देवरकोंडा ने अपने अब तक के करियर की सबसे गंभीर और नियंत्रित परफॉर्मेंस दी है। उनका किरदार संवेदनशील भी है और राष्ट्र के प्रति समर्पित भी।
सत्यदेव और मनीष चौधरी ने भी स्क्रीन पर सशक्त मौजूदगी दर्ज कराई।
भाग्यश्री बोर्से का कैमियो सीमित था लेकिन प्रभावशाली रहा।

🗣 सोशल मीडिया पर फैन्स कह रहे हैं: “VD is back with a bang!”

 

तकनीकी पक्ष: BGM ने किया भावनाओं को तेज़

🎥 सिनेमैटोग्राफी: गिरिश गंगाधरण और जोमन टी. जॉन ने विज़ुअल्स को स्टाइलिश और इन्टेंस बनाया है।

🎵 बैकग्राउंड स्कोर: अनिरुद्ध रविचंदर की म्यूजिक रचना फिल्म की थ्रिलिंग और इमोशनल टोन को शानदार बनाती है।

✂️ एडिटिंग: शुरुआती हिस्से में कसी हुई, लेकिन सेकंड हाफ में थोड़ी ढीली।

 

सोशल मीडिया रिएक्शन: एक तरफ तारीफ, दूसरी तरफ निराशा

Twitter/X पर दर्शकों की राय दो हिस्सों में बंट गई है:

🔥 पॉजिटिव ट्वीट्स 😐 निगेटिव ट्वीट्स
“Blockbuster movie! Vijay’s performance lit 🔥” “Routine action drama with zero emotional depth”
“AniGod BGM is goosebumps!” “One-time watch. Good start but dull end.”
“Career-best act by VD!” “Nothing new in the story. Template stuff.”

 

 

समीक्षात्मक विश्लेषण

पहलू ताकत कमजोरी
कहानी राजनीतिक और जासूसी थीम का रोमांच सेकंड हाफ में भावनात्मक अपील कमजोर पड़ती है
अभिनय विजय की बेहतरीन परफॉर्मेंस कुछ सपोर्टिंग रोल underused लगे
म्यूजिक बैकग्राउंड स्कोर ऊर्जावान और प्रभावशाली गानों की कमी
निर्देशन विजुअल्स और लोकेशन का बेहतरीन उपयोग स्क्रिप्ट में कहीं-कहीं गहराई की कमी

 

 

 

देखना चाहिए या नहीं?

अगर आप विजय देवरकोंडा के फैन हैं या थ्रिलर-पॉलिटिकल ड्रामा पसंद करते हैं तो यह फिल्म एक बार जरूर देखी जा सकती है। खासकर पहले हाफ की पटकथा, BGM, और विजय की परफॉर्मेंस इसे सिनेमाघरों में देखने लायक बनाती है। हालांकि, जिन दर्शकों को strong emotional connect और नई कहानी की तलाश है, उन्हें यह फिल्म औसत लग सकती है।

निष्कर्ष: “Kingdom” एक ऐसी फिल्म है जिसमें स्टार पॉवर, हाई क्वालिटी प्रोडक्शन और कुछ बेहतरीन तकनीकी एलिमेंट्स हैं, लेकिन स्क्रिप्ट और इमोशनल गहराई में थोड़ी कमी इसे मास्टरपीस बनने से रोकती है।

 

डिस्क्लेमर : यह लेख केवल सूचना और मनोरंजन के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें व्यक्त विचार लेखक के निजी अनुभव और सार्वजनिक स्रोतों (सोशल मीडिया प्रतिक्रियाएं, न्यूज़ रिपोर्ट्स और मूवी रिव्यूज) पर आधारित हैं।
हम न तो फिल्म के किसी निर्माता, निर्देशक या कलाकार से जुड़े हैं और न ही किसी प्रकार का प्रचार कर रहे हैं।
दर्शकों को सुझाव है कि फिल्म देखने से पहले स्वयं समीक्षाएं और राय बनाएं।

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