केदारनाथ में बड़ा हादसा: हेलीकॉप्टर क्रैश में 7 की मौत, AAIB करेगा जांच

उत्तराखंड के पवित्र स्थल केदारनाथ में आज सुबह एक बड़ा हादसा हुआ। गौरीकुंड और त्रिजुगी नारायण के बीच एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई है। यह हेलीकॉप्टर केदारनाथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को लाने-ले जाने वाली हेली सेवा का हिस्सा था। प्रशासन ने हादसे की पुष्टि करते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं।

हादसे की जानकारी

प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह हेलीकॉप्टर आर्यमन एविएशन कंपनी का था और इसमें छह यात्री व एक पायलट सवार थे। हादसा सुबह लगभग 11:30 बजे हुआ जब हेलीकॉप्टर ने गौरीकुंड से उड़ान भरी थी और कुछ ही दूरी पर क्रैश कर गया।

केदारनाथ में बड़ा हादसा हेलीकॉप्टर क्रैश

स्थानीय लोगों ने सबसे पहले धुएं और आग की लपटें देखीं और तुरंत राहत दलों को सूचित किया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हेलीकॉप्टर को हवा में असंतुलित होते देखा गया, और उसके बाद जोरदार धमाके की आवाज आई।

खराब मौसम बना कारण

खराब मौसम को इस हादसे की सबसे बड़ी वजह माना जा रहा है। पहाड़ी क्षेत्रों में उड़ान भरना जोखिमभरा होता है और इस रूट पर पहले भी इमरजेंसी लैंडिंग की घटनाएं हो चुकी हैं। पिछले सप्ताह भी इसी रूट पर एक हेलीकॉप्टर को आपात लैंडिंग करनी पड़ी थी।

सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

बार-बार हो रही घटनाओं से हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा और मौसम संबंधी सतर्कता पर सवाल उठने लगे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस रूट पर केवल अनुकूल मौसम में ही उड़ानों की अनुमति दी जानी चाहिए।

जांच और सरकार की प्रतिक्रिया

घटना के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गहरा दुख प्रकट किया और पीड़ितों के परिवारों को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि हादसे की जांच एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) द्वारा की जाएगी।

सरकार ने यह भी कहा है कि वह हेलीकॉप्टर सेवा ऑपरेटरों से विस्तृत रिपोर्ट मांगेगी और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचाव के लिए ठोस गाइडलाइंस बनाई जाएंगी।

📌 निष्कर्ष

केदारनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए हेलीकॉप्टर सेवा एक बड़ी राहत होती है, लेकिन इस तरह की घटनाएं बताती हैं कि प्राकृतिक परिस्थितियों के साथ तकनीकी और मानवीय लापरवाहियां कितना बड़ा खतरा बन सकती हैं

अब सबकी निगाहें AAIB की जांच पर हैं, जिससे ये स्पष्ट हो सके कि गलती कहाँ हुई और भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं से कैसे बचा जाए

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