घर पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की पूजा सरल विधि मंत्रो के साथ

भाद्रपद कृष्ण अष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव पूरे उल्लास और श्रद्धा से मनाया जाता है। इस दिन लड्डू गोपाल का पूजन विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। आइए जानते हैं घर पर ही करने योग्य संपूर्ण और सरल पूजन विधि, जिसे हर कोई आसानी से कर सकता है।

पूजा से पहले क्या करें

जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण की पूजा शुरू करने से पहले गणेश जी और नवग्रहों की पूजा करना आवश्यक माना गया है, ताकि पूजा बिना किसी विघ्न के संपन्न हो और जीवन की बाधाएँ दूर हों। स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। सबसे पहले गणेश जी और नवग्रहों को फूल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें, फिर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा आरंभ करें।

इसके बाद लड्डू गोपाल को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल) से स्नान कराएं, स्वच्छ वस्त्र पहनाकर उन्हें आभूषणों से सजाएँ। भगवान को माखन, मिश्री, फल आदि का भोग अर्पित करें, आरती करें और कृष्ण मंत्रों का जाप करें। अंत में अपनी मनोकामनाएँ भगवान को समर्पित करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।


पूजन की तैयारी में आवश्यक सामग्री

  • बाल गोपाल की मूर्ति या फोटो

  • स्नान के लिए जल और पंचामृत

  • तांबे का लोटा और कलश

  • नए वस्त्र, आभूषण, जनेऊ

  • चावल, कुमकुम, अष्टगंध

  • दीपक, घी, रुई, धूपबत्ती

  • फूल, तुलसी, तिल, फल, नारियल

  • मक्खन-मिश्री, सूखे मेवे, मिठाई

  • पान, लौंग, इलायची, दक्षिणा

  • झूला और लाल/पीला कपड़ा


पूजन विधि – Step by Step

1. स्नान और संकल्प

  • ब्रह्म मुहूर्त में उठें, स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।

  • व्रत का संकल्प लें:
    “ममखिलपापप्रशमनपूर्वक सर्वाभीष्ट सिद्धये श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रतमहं करिष्ये॥”

2. मंदिर और पूजा स्थल तैयार करें

  • पूजा स्थल साफ करें और चौकी पर लाल या पीले कपड़े का आसन बिछाएँ।

  • उस पर बाल गोपाल को विराजमान करें।

3. श्रीगणेश पूजन करें

  • गणेश जी को स्नान, वस्त्र, धूप-दीप, फूल और चावल अर्पित करें।

4. बाल गोपाल का अभिषेक

  • पहले शुद्ध जल, फिर पंचामृत और अंत में स्वच्छ जल से स्नान कराएँ।

5. श्रृंगार और अर्पण

  • भगवान को सुंदर वस्त्र और आभूषण पहनाएँ, चंदन-तिलक करें।

  • फूल, फल, मिठाई, सूखे मेवे, नारियल और पान अर्पित करें।

6. भोग लगाएँ

  • मक्खन-मिश्री का भोग तुलसी पत्र के साथ अर्पित करें।

7. मंत्र जाप करें (108 बार)

  • “ॐ कृष्णाय नमः”

  • “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय”

  • “ॐ नमो भगवते गोविंदाय”

8. आरती और झूला

  • कर्पूर जलाकर आरती करें और भगवान को झूले में झुलाएँ।

9. विशेष पूजा (रात 12 बजे)

  • खीरे को चीरकर उसमें बाल गोपाल को रखें (सूतिकागृह का प्रतीक)।

  • जन्म समय पर पंचामृत स्नान कराएँ, झूला झुलाएँ और भोग अर्पित करें।

10. अन्य देवताओं का स्मरण

  • देवकी, वसुदेव, यशोदा, नंद, बलराम और माता लक्ष्मी का नाम लें।

11. प्रसाद वितरण और क्षमा याचना

  • “पूजा में हुई भूल के लिए क्षमा याचना” करें।

  • फिर प्रसाद वितरण करें और ग्रहण करें।

12. भजन-कीर्तन और रतजगा

  • रातभर भजन-कीर्तन करें क्योंकि यही वह पावन रात्रि है जब श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था।


महत्वपूर्ण मंत्र (जाप के लिए)

  • ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

  • ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणत क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः

  • ॐ क्लीं कृष्णाय नमः

  • श्रीकृष्णं शरणं मम

  • “प्रणमे देव जननी…” (जन्म समय पर)


इस आसान और संपूर्ण पूजन विधि से आप अपने घर पर ही श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को पूरे श्रद्धा और प्रेम के साथ मना सकते हैं। भगवान श्रीकृष्ण की कृपा से आपके जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और प्रेम सदैव बना रहेगा।

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