✍️ लेखक: अनुज यादव | प्रकाशित: 20 जुलाई 2025
लखनऊ अब सिर्फ नवाबों का शहर नहीं, बल्कि उत्तर भारत के सबसे तेज़ी से विकसित होते मेट्रो शहरों में से एक बनता जा रहा है। इसी विकास यात्रा को नई उड़ान देने आ रही है — नैमिष नगर टाउनशिप परियोजना, जो न केवल लखनऊ की भौगोलिक सीमाओं को बढ़ाएगी,
इसी दिशा में एक बड़ा कदम है लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) द्वारा प्रस्तावित “नैमिष नगर टाउनशिप परियोजना”, जो सीतापुर रोड पर करीब 2504 एकड़ भूमि में विकसित की जाएगी। यह परियोजना न केवल राजधानी की सीमाओं का विस्तार करेगी, बल्कि लाखों लोगों के जीवन में परिवर्तन भी लाएगी। बल्कि लाखों लोगों के लिए नया आशियाना और रोज़गार के अवसर भी लेकर आएगी।
क्या है नैमिष नगर योजना ?
लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने एक नया और महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट शुरू किया है — नैमिष नगर, जिसे सीतापुर रोड पर बख्शी का तालाब (BKT) क्षेत्र में 2504 एकड़ भूमि पर विकसित किया जाएगा। इस परियोजना को मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के अंतर्गत अंतिम रूप दिया गया है।
इस टाउनशिप को बसाने का मकसद राजधानी के भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों का बोझ कम करना और शहर के उत्तर दिशा में नियोजित ढंग से आवास, उद्योग और सामाजिक सुविधाओं का विस्तार करना।
एलडीए के संयुक्त सचिव सुशील प्रताप सिंह के अनुसार, यह परियोजना बख्शी का तालाब (BKT) क्षेत्र के अंतर्गत सीतापुर-रैथा रोड पर स्थित होगी। यहाँ पर 14 गाँवों की ज़मीन पर यह टाउनशिप विकसित की जाएगी, जिससे आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों का भी समग्र विकास सुनिश्चित हो सकेगा।
दो लाख से ज़्यादा लोगों को मिलेगा घर
एलडीए के अनुसार, नैमिष नगर विकसित होने के बाद 2 लाख से अधिक लोगों को आवासीय सुविधा मिल सकेगी। यह केवल एक टाउनशिप नहीं, बल्कि एक स्मार्ट मिनी-सिटी की तरह होगी जिसमें सभी आधुनिक सुविधाएं होंगी — जैसे कि स्कूल, अस्पताल, पार्क, प्लेग्राउंड, कम्युनिटी हॉल, ड्रेनेज सिस्टम, श्मशान, विवाह भवन आदि।
किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी
यह प्रोजेक्ट जितना शहर के लिए फायदेमंद है, उतना ही किसानों के लिए भी।
किसानों को मिलेगा:
- ग्रामीण क्षेत्रों में सर्किल रेट का 4 गुना मुआवजा
- शहरी क्षेत्रों में 2 गुना मुआवजा
- लैंड पूलिंग स्कीम का विकल्प
- आपसी सहमति आधारित भूमि अधिग्रहण का प्रस्ताव
एलडीए ने राजस्व विभाग के साथ मिलकर रणनीति बनाई है कि किसानों से सीधे संवाद किया जाएगा ताकि उन्हें सही जानकारी, पारदर्शिता और समय पर मुआवजा मिल सके।
किन गांवों की ज़मीन पर बनेगा नैमिष नगर?
यह टाउनशिप 14 गाँवों में फैली होगी:
सैदापुर, कमलाबाद, कमलापुर, पल्हरी, पूरब गांव, पुरवा, सैरपुर, फर्रुखाबाद, कोड़री भौली, गोपरा मौऊ, बारूमऊ, घर्तिगरा और लक्ष्मीपुर ।
इन गांवों में एलडीए की टीम और राजस्व अधिकारी फील्ड में जाकर किसानों से संपर्क कर रहे हैं।
क्या होगा प्रोजेक्ट से फायदा?
यह प्रोजेक्ट केवल घर देने का काम नहीं करेगा, बल्कि इससे जुड़े होंगे कई आर्थिक और सामाजिक बदलाव:
💡 प्रमुख फायदे:
- रोज़गार के हज़ारों नए अवसर
- शिक्षा और स्वास्थ्य संस्थानों की स्थापना
- लॉजिस्टिक्स और इंडस्ट्रीज़ को बढ़ावा
- निवेश आकर्षण के नए रास्ते
नैमिष नगर से सिर्फ शहर नहीं बढ़ेगा, आसपास के गांवों का भी कायाकल्प होगा।
गांवों में भी होगा इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट
प्राधिकरण ने साफ किया है कि यह सिर्फ एक टाउनशिप नहीं, बल्कि आसपास के गांवों में भी व्यापक विकास किया जाएगा:
- नई सड़कें और संपर्क मार्ग
- जल निकासी व्यवस्था
- खेल के मैदान
- स्वास्थ्य केंद्र
- स्कूल और आंगनबाड़ी
- श्मशान और कब्रिस्तान
- पार्क, तालाब और बारात घर
“नैमिष” नाम क्यों रखा गया?
यह सवाल भी लोगों के मन में आ रहा है कि इस कॉलोनी का नाम “नैमिष नगर” क्यों रखा गया?
दरअसल, यह नाम सीतापुर जिले में स्थित नैमिषारण्य से प्रेरित है, जो रामायण काल से जुड़ा एक पवित्र स्थल है। वाल्मीकि रामायण के अनुसार, यहीं पर माता सीता ने वनवास काटा था और लव-कुश का जन्म हुआ था।
इस पौराणिक विरासत को सम्मान देते हुए एलडीए ने इस परियोजना को नैमिष नगर नाम देने का निर्णय लिया है।
निष्कर्ष: क्या ये प्रोजेक्ट लखनऊ की दिशा बदल देगा?
बिलकुल। नैमिष नगर टाउनशिप लखनऊ के भविष्य का नक्शा तय करेगी। जहां एक ओर यह लोगों को घर देगा, वहीं दूसरी ओर यह किसानों, व्यापारियों, विद्यार्थियों और नौकरी चाहने वालों के लिए नई संभावनाओं के दरवाज़े खोलेगा।
अगर यह परियोजना पारदर्शिता और सहमति के साथ आगे बढ़ती है, तो यह निश्चित तौर पर उत्तर भारत की मॉडल टाउनशिप बन सकती है।
आपकी राय क्या है?
क्या आप नैमिष नगर में घर लेना चाहेंगे?
क्या सरकार को किसानों से ज़मीन लेते वक्त और भी सहूलियत देनी चाहिए?
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अनुज यादव DainikBaate.com के संस्थापक हैं। वे न्यूज, टेक, ऑटो, हेल्थ और शेयर मार्केट पर सरल हिंदी में विश्वसनीय जानकारी साझा करते हैं।