क्या आपकी रसोई भी प्लास्टिक के बर्तनों से भरी है?
आज के समय में प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल लगभग हर घर की रसोई में हो रहा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह सस्ते बर्तन आपकी सेहत के लिए जहर बन सकते हैं? अध्ययनों से यह साफ हो चुका है कि प्लास्टिक के बर्तन, खासकर गर्मी के संपर्क में आने पर, ज़हरीले केमिकल्स छोड़ते हैं जो हमारे भोजन और शरीर में समा जाते हैं।
प्लास्टिक बर्तनों से निकलने वाले जहरीले रसायन
जर्मन फेडरल इंस्टीट्यूट फॉर रिस्क असेसमेंट (BfR) ने यह चेतावनी दी है कि प्लास्टिक बर्तनों के घटक हमारे खाने में मिलकर शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। जब ये बर्तन गर्म होते हैं, तो Bisphenol A (BPA), phthalates, और oligomers जैसे जहरीले रसायन रिलीज होते हैं। ये रसायन हार्मोनल गड़बड़ी, कैंसर, डायबिटीज, और प्रजनन संबंधी समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
माइक्रोप्लास्टिक: आपकी प्लेट में प्लास्टिक!
हर बार जब आप प्लास्टिक के बर्तनों में खाना बनाते हैं, वे धीरे-धीरे पिघलते हैं और माइक्रोप्लास्टिक आपके भोजन में मिलते हैं। यह खतरनाक तत्व पेट के रास्ते शरीर में जाकर गुर्दे, यकृत और फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। प्लायमाउथ यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन के अनुसार, काले प्लास्टिक के बर्तनों में सीसा, पारा और ब्रोमिनेटेड फ्लेम रिटार्डेंट्स जैसे खतरनाक तत्व पाए गए हैं।
क्या है कार्बन ब्लैक और क्यों है यह खतरनाक?
काले प्लास्टिक बर्तनों में उपयोग किया जाने वाला रंग ‘कार्बन ब्लैक’ होता है जो अक्सर इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट से प्राप्त होता है। इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) के अनुसार, इसमें मौजूद पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (PAHs) संभवतः कैंसरकारी हो सकते हैं।
प्लास्टिक के बर्तन न सिर्फ सेहत, बल्कि पर्यावरण के लिए भी खतरा
काले प्लास्टिक बर्तन रीसायकल नहीं किए जा सकते। इससे वे सीधे लैंडफिल या जल स्रोतों में पहुँच जाते हैं, जिससे जानवरों और समुद्री जीवों की जान भी खतरे में पड़ जाती है। ये बर्तन पर्यावरण प्रदूषण को कई गुना बढ़ा देते हैं।
प्लास्टिक की जगह इस्तेमाल करें ये विकल्प
- स्टेनलेस स्टील: मजबूत, गैर-विषैले और टिकाऊ।
- टाइटेनियम: हल्का लेकिन बेहद मजबूत, रसायन-मुक्त।
- कास्ट आयरन: प्राकृतिक और सुरक्षित।
- बांस या लकड़ी के बर्तन: इको-फ्रेंडली और स्वास्थ्यवर्धक।
निष्कर्ष: अब वक्त है बदलाव का
प्लास्टिक के बर्तन भले ही सस्ते लगते हों, लेकिन यह आपकी सेहत और पर्यावरण दोनों के लिए भारी कीमत बन सकते हैं। माइक्रोप्लास्टिक, ज़हरीले रसायन और कैंसरकारी तत्व हमारे भोजन में मिलकर गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकते हैं।
इसलिए अब समय आ गया है कि हम अपनी रसोई से प्लास्टिक के बर्तनों को बाहर का रास्ता दिखाएं और सुरक्षित, टिकाऊ और इको-फ्रेंडली विकल्पों को अपनाएं। अपनी सेहत और प्रकृति दोनों की रक्षा करें — प्लास्टिक नहीं, समझदारी चुनें!
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अनुज यादव DainikBaate.com के संस्थापक हैं। वे न्यूज, टेक, ऑटो, हेल्थ और शेयर मार्केट पर सरल हिंदी में विश्वसनीय जानकारी साझा करते हैं।